'होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा'
'होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा'
* होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा॥ अस कहि लगे जपन हरिनामा। गईं सती जहँ प्रभु सुखधामा॥ भावार्थ:-जो
की लोकतांत्रिक समझ की जीत है। होई वही जो राम रचि राखा, यह है उसका फैसला जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज, जो करते थे
गाड़ी वाला गेम हैक गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है होइहि सोइ जो राम रचि राखा जबकि श्रीमद्भगवद्गीता में कृष्ण ने कर्म करने को कहा है। क्या ये
2020 मैच कब है भावार्थ:-जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा। तर्क करके कौन शाखा बढ़ावे
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