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जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी

जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी

भजन जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी : Jite Bhi Lakdi Marte Bhi जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का लिरिक्स खेल रचाया लकड़ी का ॥ देख तमाशा लकड़ी का ॥ देख तमाशा लकड़ी का ॥ जीते लकड़ी मरते लकड़ी सुखवीर 'मोटूसंत कबीर जी की कविता को एक बच्चे द्वारा गाया यह गीत जीते भी लकड़ी, मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का,

ताश वाला गेम लकड़ी जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का, क्या जीवन क्या मरण कबीरा, खेल रचाया लकड़ी का।। जिसमे तेरा जनम हुआ, वो पलंग बना था

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